विधानसभा में पहली बार अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर हुए माननीय   

उत्तर प्रदेश के विधान सभा में एक बार फिर सत्ता पक्ष के विधायक अपने ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे हैं। सदन के पहले ही दिन बीजेपी के 200 से ज्यादा माननीय​​ धरने पर बैठ​ गए। आरोप था कि साथी विधायक का नाजायज उत्पीड़न हो रहा है। ​आपको बता दें पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ जनपद बस्ती के कोतवाली गेट पर 19 सितम्बर 2017 को स्थानीय सांसद सहित कई विधायक धरने पर बैठे थे उस समय काफी चर्चा हुई थी। विधान सभा के इस धरने को ​विपक्ष ने ​भी​ समर्थन दिया​ है। मामला गाजिया बाद के लोनी विधानसभा के सदस्य नन्द किशोर गुर्जर से जुड़ा है जिन्होंने स्थानीय प्रशासन पर भेदभाव करते हुए उत्पीड़न की शिकायत मुख्यमंत्री से की थी। ​हालात इतने बिगड़ गए थे कि गुर्जर ने जान की सलामती के लिए खुद को जेल भेजने की अपील मुख्य मंत्री कर डाली थी। इससे सम्बंधित खबर आपके लोकप्रिय समाचार पत्र समदर्शी ने विस्तार पूर्वक २९ नवम्बर 2019 को आपके समक्ष रखा था। इसके चलते सदन में भारी हंगामा​ हुआ साथ ही परिषद सदस्यों ​ने भी समर्थन​ किया।  विधान सभा अध्यक्ष ​चालीस वरिष्ठ ​विधायकों के साथ बैठक​ करने के वावजूद धरने पर बैठे विधायकों को मनाने में विफल​ रहे। ​विधायकों को मनाने का दूस​रे​ प्रयास​ में ​दिनेश शर्मा औऱ कटारिया आए​ लेकिन ​इनके मनाने पर भी विधायक माने ​नहीं। बाद में ​​5 विधायक स्पीकर स्पीकर के चैंबर में​ गए जिन्हे बुधवार सुबह ग्यारह बजे तक कार्यवाई से अवगत कराने का आश्वासन मिला। 


मामले में कब मोड़ आया 

​बीजेपी के गाजियाबाद के लोनी के विधायक नंद किशोर गुर्जर द्वारा सदन में अपने बात रखने को लेकर हुआ हंगामा।

अधिकारी द्वारा विधायक से दुर्व्यवहार किये जाने को लेकर विधायक अपनी बात सदन में रखना चाहते थे।​ ​विधायक के समर्थन​​ अन्य में आने के बाद हुआ हंगामा।​ ​​उल्लेखनीय है कि फ़ूड इंपेक्टर द्वारा विधायक ​गुर्जर से कहा गया​ कि जब​ हमने आपके मंत्री को समझा दिया आप तो सिर्फ विधायक ​हैं। ​जिसकी शिकायत ​के बाद ​पुलिस स्टेशन में भी में हुई ​थी ​अभद्रता।

 


क्या था मामला ​जिसे समदर्शी ने 29 नवम्बर 2019 को प्रकशित किया था 

सुशासन का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी के विधायक ने मुख्यमंत्री से खुद जेल भेजने की मांग की है। मुख्यमंत्री को 3 पृष्ठों में लिखे पत्र में विधायक ने कहा है कि पिछले विधानसभा चुनाव से मेरे खिलाफ लगातार स्थानीय अधिकारी और नेता षड्यंत्र कर रहे हैं इससे मेरी जान का खतरा है। मुख्यमंत्री जी आप मुझे किसी भी धारा में जेल भेज दे जिससे मैं सुरक्षित रह सकूं। बेहद चौकाने वाली सनसनीखेज चिट्ठी इन दिनों वायरल हो रही है। यह पत्र गाजियाबाद जनपद के लोनी विधानसभा के भारतीय जनता पार्टी के विधायक नंद किशोर गुर्जर ने मुख्यमंत्री को लिखा है। मेरी प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए विधानसभा चुनाव से ही मुझे हराने के लिए लगातार षड्यंत्र किया जा रहा है। किंतु लोनी की जनता ने जो सम्मान और प्यार मुझे दिया है उसी के भरोसे मैं आज तक जिंदा हूं। विधायक गुर्जर ने मुख्यमंत्री से खुद पर दो-दो बार जानलेवा हमला होने का जिक्र करते हुए लिखा है कि खनन माफिया भी उनके ऊपर लगातार दबाव बनाए हुए हैं। एकबार तो 30 लाख रुपये की सुपारी भी दी जा चुकी थी। अपने पत्र में उन्होंने पूर्व पार्टी जिलाध्यक्ष द्वारा संगठन मंत्री के नाम से गाजियाबाद में जमकर वसूली का आरोप उन्होंने लगाया है। एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा है कि पूर्व सांसद जनरल वीके सिंह ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया था लेकिन दबंग नेताओं के हौसले अभी तक पस्त नहीं है। वे स्वयं और अधिकारियों की मिलीभगत से नुकसान पहुंचाने पर आमादा हैं। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि मैं बाहर सुरक्षित हूं इसलिए मुझे किसी भी धारा में जेल भेज दीजिए। जिससे मैं जेल के भीतर रहकर सुरक्षित रह सकूं और जनता की सेवा कर सकूं।

नन्द किशोर गुर्जर, विधायक


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