इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्वांचल और पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के दो मण्डलों में कर्मचारियों के तबादले पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने दोनों निगमों से इस मामले में जवाब तलब किया है। राजीव मिश्रा और 19 अन्य को याचिका पर यह आदेश अश्विनी कुमार मिश्र ने दिया है। याचिका पर आई सप्ताह बाद सुनवाई होगी। याचीगण की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी और विभू राय का कहना था कि याचीगण बिजली विभाग में तृतीय श्रेणी कर्मचारी है उनका स्थानांतरण एक मण्डल से दूसरे मण्डल में कर दिया गया है। जबकि विभाग में कोई केन्द्रीय वरिष्ठता सूची नहीं बनी है। इस स्थिति स्थानांतरण के बाद नए स्थान पर कर्मचारियों की वरिष्ठता शून्य हो जायेगी और वह अपने से कनिष्ठ के जूनियर हो जायेंगे। इस स्थिति में काम के वातावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। हाईकोर्ट ने इस मामले में पावर कार्पोरेशन से जवाब मांगा था। कार्पोरेशन के अधिवक्ता के अधिवक्ता का कहना था कि विभाग सभी मण्डलों को सम्मिलित कर रहा है। ताकि कर्मचारियों की सेवाएं स्थानांतरणीय हो सकें। यह प्रक्रिया चल रही है। इसके जवाब में याचीगण के अधिवक्ता का कहना था कि अभी तक इस मामले में नियमावली में कोई संशोधन नहीं किया गया है। इस स्थिति में स्थानांतरण नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने याचीगण के स्थानांतरण पर रोक लगाते हुए छह सप्ताह में कार्पोरेशन के वकील को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।