कोरोनावायरस लॉकडाऊन ने देश में करोड़ों लोगों का रोजगार छीन लिया है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में बताया है कि लॉकडाऊन के दौरान अप्रैल में 9.1 करोड़ छोटे व्यापारियों और दिहाड़ी मज़दूरों का रोज़गार छिन गया है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक हफ्ते में देश में बेरोज़गारी दर बढ़कर अप्रत्याशित 27.1 % हो गयी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाऊन के दौर में ठप्प पड़ी अर्थव्यवस्था की वजह से करोड़ों मज़दूरों और कर्मचारियों का रोज़गार छिन गया है। भारतीय अर्थव्यवस्था पर नज़र रखने वाली संस्था सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी ने अपने ताज़ा आंकलन में दावा किया है कि 3 मई को ख़त्म होने वाले पिछले हफ्ते के दौरान बेरोज़गारी दर बढ़कर 27.1 % पहुंच गयी। ये अब तक की सबसे ऊंची बेरोज़गारी दर है। 2019-20 के दौरान कुल औसत रोज़गार 40.4 करोड़ था जो अप्रैल 2020 में 30% गिरकर 28.2 करोड़ रह गया यानी 12.2 करोड़ रोज़गार घट गए।
लॉकडाऊन की सबसे ज्यादा मार छोटे व्यापारियों और दिहाड़ी मज़दूरों पर पड़ी है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में कहा है 2019-20 में छोटे व्यापारियों और दिहाड़ी मज़दूरों में औसतन 12.8 करोड़ के पास रोज़गार था। अप्रैल 2020 में ये गिरकर सिर्फ 3.7 करोड़ तक सीमित रह गया यानी लॉकडाऊन के दौरान अप्रैल में 9.1 करोड़ का रोज़गार छिन गया। कोरोना का संकट अगर और लम्बा चला तो बेरोज़गार लोगों की संख्या तेजी से बढ़ेगी।