भाजपा राष्ट्रवाद से आगे बंगाली राष्ट्रवाद


 




 

 

 

पश्चिम बंगाल में 2020 में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव से पहले भाजपा के हिंदुत्व के एजेंडे के विरुद्ध ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने मशहूर बंगाली हस्तियों की प्रतिमाएं लगाने और धर्मनिरपेक्षता और समावेशिता के संदेश के प्रचार की योजना बनाई है। राज्य में 107 नगरपालिका और कोलकाता नगर निगम के चुनाव को 2021 विधानसभा चुनाव से पहले मिनी विधानसभा चुनाव कहा जा रहा है। तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, हमने बंगाल की महान हस्तियों की प्रतिमाएं राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगाने का निर्णय लिया है। उन्होंने सदियों से धर्मनिरपेक्षता और समावेशिता का प्रचार किया है। उनके संदेश प्रतिमाओं की पट्टिकाओं पर उत्कीर्ण किए जाएंगे।' नेताजी सुभाष चंद्र बोस से लेकर रबींद्रनाथ टैगोर, रामकृष्ण परमहंस से लेकर स्वामी विवेकानंद तक, राजा राममोहन राय से लेकर ईश्वर चंद्र विद्यासागर तक की प्रतिमाएं लगाई जाएंगी।
उनके अलावा उत्तम कुमार, सत्यजीत रे और ऋत्विक घटक जैसी फिल्मी हस्तियां और गोष्ठ पाल और सैलेन मन्ना जैसे फ़ुटबॉल खिलाड़ियों की प्रतिमाएं भी शहर के विभिन्न हिस्सों में लगाईं जाएंगी। इन प्रतिमाओं को लगाने का लक्ष्य भाजपा के आक्रामक हिंदुत्व एजेंडे का जवाब देना है। तृणमूल के वरिष्ठ नेता एवं कोलकाता नगर निगम के उप महापौर अतीन घोष ने कहा, यह हमारे सौंदर्यीकरण अभियान का हिस्सा है। लेकिन साथ ही हम धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक सुधार और समावेशिता के संदेश का प्रचार भी करना चाहते हैं, जिनका राज्य की इन महान हस्तियों ने प्रचार किया और उसके साथ खड़े रहे। अब समय आ गया है कि हम उनकी दी शिक्षा को याद करें और उनके दिखाए मार्ग पर चलें। उन्होंने कहा, हमने देखा कि इस साल मई में भाजपा ने विद्यासागर की आवक्ष प्रतिमा तोड़ी थी। यह उनकी बंगाल विरोधी भावना और हमारी महान हस्तियों के प्रति उपेक्षा को दर्शाता है। पार्टी नेता ने कहा कि इस अभियान में 20 से 30 लाख रुपए का खर्च आएगा। इस राशि को तृणमूल नेताओं ने लोगों से एकत्रित (क्राउड फंडिंग) किया है।




 


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