दीन ए इलाही अकबर के खास रहे बिलग्रामी का उर्स मनाया गया

सम्राट अकबर के मेहमान के उर्स पर हुआ प्रोग्राम


 



हरदोई। जनपद के बिलग्राम कस्बे के मोहल्ला सुल्हाडा पर पिछले 3 दिनों से चल रहे उर्स वाहिदी तय्यबी का मंगलवार को समापन हो गया। बिलग्राम के मशहूर सूफी संत हजरत मीर अब्दुल वाहिद बिलग्रामी का पैदाइस सांडी में हुआ था लेकिन बाद में वो बिलग्राम आकर मुकीम हो गए जहां उन्होंने लोगों की भलाई और उन्हें सच्चे रास्ते पर चलने की दावत दी बिलग्राम में वैसे तो कई हिंदी अरबी फारसी के विद्वान हुए हैं। जिन्होंने पूरी दुनिया में नाम कमाया है परंतु मीर अब्दुल वाहिद बिलग्रामी का एक अलग ही मुकाम है। मीर बिलग्रामी फारसी और हिंदी के बहुत बड़े शायर (कवि) थे। उन्होंने हिंदी और फारसी की कई किताबें लिखी हैं एक बार की बात है कि मीर बिलग्रामी का शेर एक बार अकबर के दरबार में सुनाया जा रहा था तो अकबर ने मीर बिलग्रामी का शेर सुनते ही उसके दिल पर शेर का इतना असर हुआ कि मीर बिलग्रामी को अपने शाही दरबार में बड़ी इज्जत के साथ बुलाया और मेहमान नवाजी की उन्ही सूफी संत का ये उर्स मनाया जा रहा था।जिसका मंगलवार को  समापन हुआ है और उसमे पुरे हिंदुस्तान से कोने कोने से हजारों की संख्या में लोग यहां आए थे। उनका सिद्धांत था और लोगों से अपील भी करतेेे थे कि फिजूल खर्ची से बचो अपने बच्चों को पढ़ाओ।


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