शुक्रवार को केंद्र और राज्य सरकार से एक जनहित याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर हुआ है जिसका जवाब देने के लिए आदेश हुआ है ताकि गरीब बच्चों को मुफ्त लैपटॉप, टैबलेट या मोबाइल फोन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए जा सकें जिससे कि वे लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन क्लासों में उनका उपयोग कर सकें। जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संजीव नरूला की बैंच ने एक एनजीओ 'जस्टिस फॉर ऑल' की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, नगर निगमों और 10 निजी गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों से उनका पक्ष जानने के लिए नोटिस जारी किए हैं। कोर्ट ने सभी से 10 जून तक याचिका पर अपने जवाब देने को कहा है। दिल्ली सरकार के स्थायी वकील रमेश सिंह ने शिक्षा विभाग की ओर से नोटिस को स्वीकार कर लिया। वकील खगेश झा के माध्यम से दायर अपनी याचिका में एनजीओ ने तर्क दिया है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने के निजी स्कूलों के निर्णय से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) से जुड़े 50,000 से अधिक छात्र प्रभावित होंगे और वे ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने के लिए लैपटॉप, फोन और हाई स्पीड इंटरनेट का खर्च नहीं उठा सकते हैं। याचिका में कहा गया है कि गरीब बच्चों को मुफ्त में लैपटॉप, फोन और हाई स्पीड इंटरनेट मुहैया नहीं कराना संविधान के तहत शिक्षा की गारंटी के उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन होगा।
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