लखनऊ। फैजाबाद इलाहाबाद मुगलयराय के बाद अब एक और जिले के नाम बदलने की तैयारी पूरी हो चुकी है। उत्तरप्रदेश सरकार ने फैजाबाद को अयोध्या, इलाहाबाद को प्रयागराज फिर मुगलसराय जंक्शन का नाम पंडित दीनदयाल जंक्शन किया। अब बस्ती जिले का नाम बदलने की तैयारी शुरू हो गई है। जिसके लिए शासन स्तर पर भेजे गए प्रस्ताव पर मंथन चल रहा है। नाम बदले जाने पर एक करोड़ रुपए का खर्च आएगा। बता दें फैजाबाद का नाम अयोध्या करने के बाद पड़ोसी जिले बस्ती का नाम बदलने को लेकर मांग तेज हो गई थी। गौरतलब है कि बस्ती का नाम बदलने को लेकर हिंदु युवा वाहिनी की स्थानीय इकाई और बुद्धिजीवी तबका काफी दिनों से मांग कर रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पहली बार बस्ती पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नाम बदलने का पत्रक भी सौंपा गया था जिसे मुख्यमंत्री ने मुस्कुराते हुए स्वीकार किया था। बस्ती को वशिष्ठ नगर बनाने का जिक्र अक्सर अपने भाषणों में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने से पूर्व किया करते थे। इस सम्बन्ध में डुमरियागंज (सिद्धार्थनगर) के विधायक और हिंदु युवा वाहिनी के प्रदेश प्रभारी राघवेंद्र प्रताप सिंह और तत्कालीन जिलाध्यक्ष अज्जू हिंदुस्थानी अब जिला प्रभारी ने भी उनके समक्ष प्रस्ताव रखा था। श्री सिंह का मानना है कि त्रेता युग में यह स्थान महर्षि वशिष्ठ का आध्यात्म क्षेत्र था। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के पिता राजा दशरथ ने इसी क्षेत्र में श्रृंगी ऋ षि के माध्यम से महर्षि वशिष्ठ की सलाह पर पुत्रेष्ठि यज्ञ किया था। उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि वे इस पावन धरती के निवासी हैं इसी मंडल के एक विधायक हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन द्वारा ढाई महीने पूर्व पहलीबार बस्ती जनपद का नाम बदलने का प्रस्ताव तैयार कर राजस्व परिषद को भेजा गया। इसके बाद राजस्व परिषद की ओर से नाम बदले जाने की स्थिति में होने वाले व्यय की जानकारी मांगी गई थी। खर्च आंकलन कराने के बाद जिलाधिकारी ने मंडलायुक्त को रिपोर्ट दी और संशोधित प्रस्ताव के साथ मंडलायुक्त अनिल कुमार सागर ने राजस्व परिषद को भेज दिया है। बस्ती के जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने कहा कि बस्ती जनपद का नाम बदले जाने का प्रस्ताव राजस्व परिषद को भेजा गया है। जिले का नाम बदले जाने की स्थिति में एक करोड़ रुपए व्यय भार आएगा। एक साल पूर्व बस्ती महोत्सव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बस्ती मेडिकल कालेज का नाम महर्षि वशिष्ठ के नाम पर रखे जाने का ऐलान किया था तभी से बस्ती जिले का नाम बदलने की मांग तेज हो गई थी। बस्ती जिले का नाम बदलकर वशिष्ठनगर या वशिष्ठी करने के प्रस्ताव पर शासन स्तर पर मंथन अंतिम दौर में है। जिले के जनप्रतिनिधि भी बस्ती का नाम वशिष्ठ नगर करने की मांग कर चुके हैं। हरैंया विधायक अजय सिंह दो वर्ष पूर्व ही मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बस्ती का नाम वशिष्ठ नगर करने की मांग कर चुके हैं। वे कहते हैं कि हर्रैया तहसील काफी बड़ा भूभाग छोटी अयोध्या के रूप में जाना जाता है इसके विकास के लिए मौजूदा सरकार निरंतर प्रयत्नशील है उम्मीद है कि जिले के चौबीस लाख जनता को जल्द ही इसकी खुशखबरी मिलेगी। गोरक्षप्रान्त के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अजय सिंह गौतम ने बताया कि गोरक्षनाथ पीठाधीश्वर के रूप में महाराज जी हमेशा बस्ती का नाम वशिष्ठी या वशिष्ठ नगर करने की चर्चा करते थे आज वे स्वंय मुख्यमंत्री हैं। जनभावनाओं का उन्होंने एक मुख्यमंत्री होने के नाते सदैव सम्मान किया है। नाम बदलने की घोषणा शीघ्र हो इसकी उन्हें प्रतीक्षा है।
कभी भी बदल सकता है नाम बस्ती का
लखनऊ। फैजाबाद इलाहाबाद मुगलयराय के बाद अब एक और जिले के नाम बदलने की तैयारी पूरी हो चुकी है। उत्तरप्रदेश सरकार ने फैजाबाद को अयोध्या, इलाहाबाद को प्रयागराज फिर मुगलसराय जंक्शन का नाम पंडित दीनदयाल जंक्शन किया। अब बस्ती जिले का नाम बदलने की तैयारी शुरू हो गई है। जिसके लिए शासन स्तर पर भेजे गए प्रस्ताव पर मंथन चल रहा है। नाम बदले जाने पर एक करोड़ रुपए का खर्च आएगा। बता दें फैजाबाद का नाम अयोध्या करने के बाद पड़ोसी जिले बस्ती का नाम बदलने को लेकर मांग तेज हो गई थी। गौरतलब है कि बस्ती का नाम बदलने को लेकर हिंदु युवा वाहिनी की स्थानीय इकाई और बुद्धिजीवी तबका काफी दिनों से मांग कर रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पहली बार बस्ती पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नाम बदलने का पत्रक भी सौंपा गया था जिसे मुख्यमंत्री ने मुस्कुराते हुए स्वीकार किया था। बस्ती को वशिष्ठ नगर बनाने का जिक्र अक्सर अपने भाषणों में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने से पूर्व किया करते थे। इस सम्बन्ध में डुमरियागंज (सिद्धार्थनगर) के विधायक और हिंदु युवा वाहिनी के प्रदेश प्रभारी राघवेंद्र प्रताप सिंह और तत्कालीन जिलाध्यक्ष अज्जू हिंदुस्थानी अब जिला प्रभारी ने भी उनके समक्ष प्रस्ताव रखा था। श्री सिंह का मानना है कि त्रेता युग में यह स्थान महर्षि वशिष्ठ का आध्यात्म क्षेत्र था। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के पिता राजा दशरथ ने इसी क्षेत्र में श्रृंगी ऋ षि के माध्यम से महर्षि वशिष्ठ की सलाह पर पुत्रेष्ठि यज्ञ किया था। उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि वे इस पावन धरती के निवासी हैं इसी मंडल के एक विधायक हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन द्वारा ढाई महीने पूर्व पहलीबार बस्ती जनपद का नाम बदलने का प्रस्ताव तैयार कर राजस्व परिषद को भेजा गया। इसके बाद राजस्व परिषद की ओर से नाम बदले जाने की स्थिति में होने वाले व्यय की जानकारी मांगी गई थी। खर्च आंकलन कराने के बाद जिलाधिकारी ने मंडलायुक्त को रिपोर्ट दी और संशोधित प्रस्ताव के साथ मंडलायुक्त अनिल कुमार सागर ने राजस्व परिषद को भेज दिया है। बस्ती के जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने कहा कि बस्ती जनपद का नाम बदले जाने का प्रस्ताव राजस्व परिषद को भेजा गया है। जिले का नाम बदले जाने की स्थिति में एक करोड़ रुपए व्यय भार आएगा। एक साल पूर्व बस्ती महोत्सव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बस्ती मेडिकल कालेज का नाम महर्षि वशिष्ठ के नाम पर रखे जाने का ऐलान किया था तभी से बस्ती जिले का नाम बदलने की मांग तेज हो गई थी। बस्ती जिले का नाम बदलकर वशिष्ठनगर या वशिष्ठी करने के प्रस्ताव पर शासन स्तर पर मंथन अंतिम दौर में है। जिले के जनप्रतिनिधि भी बस्ती का नाम वशिष्ठ नगर करने की मांग कर चुके हैं। हरैंया विधायक अजय सिंह दो वर्ष पूर्व ही मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बस्ती का नाम वशिष्ठ नगर करने की मांग कर चुके हैं। वे कहते हैं कि हर्रैया तहसील काफी बड़ा भूभाग छोटी अयोध्या के रूप में जाना जाता है इसके विकास के लिए मौजूदा सरकार निरंतर प्रयत्नशील है उम्मीद है कि जिले के चौबीस लाख जनता को जल्द ही इसकी खुशखबरी मिलेगी। गोरक्षप्रान्त के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अजय सिंह गौतम ने बताया कि गोरक्षनाथ पीठाधीश्वर के रूप में महाराज जी हमेशा बस्ती का नाम वशिष्ठी या वशिष्ठ नगर करने की चर्चा करते थे आज वे स्वंय मुख्यमंत्री हैं। जनभावनाओं का उन्होंने एक मुख्यमंत्री होने के नाते सदैव सम्मान किया है। नाम बदलने की घोषणा शीघ्र हो इसकी उन्हें प्रतीक्षा है।
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